[Srushti Tawade "Rasiya" के बोल]
[Verse 1]
अभी ये घर भले ही ख़ूब बेगाना है तुझको
जहाँ-भर में भटक कर फ़िर यहीं आना है तुझको
के दिन जब ढल चुका होगा तो सोएगा कहाँ तू?
अभी से दे रखा बिस्तर का सिरहाना है तुझको
तेरे अपने तुझे मालूम होंगे वक़्त चलते
तू अपना ले अभी, जिसको भी अपनाना है तुझको
तुझे मालूम है, शम्मा में जल जाएगा फ़िर भी
समझ सकती हूँ, क्यूँ बनना तो परवाना है तुझको
[Chorus]
ओ, पिया, ओ, पिया, अफ़साने सुनाता है क्यूँ?
रसिया, रसिया, कहीं और तू जाता है क्यूँ?
ओ, पिया, ओ, पिया, अफ़साने सुनाता है क्यूँ?
रसिया, रसिया, कहीं और तू जाता है क्यूँ?
ओ, पिया, ओ, पिया, अफ़साने सुनाता है क्यूँ?
रसिया, रसिया, कहीं और तू जाता है क्यूँ?
[Verse 2]
तेरी हर "हाँ" में उसने "हाँ" मिलाई एक हफ़्ता
तुझे लगता है, उसने ख़ूब पहचाना है तुझको
मैं हरगिज़ पूछती हूँ, "क्यूँ ग़लत रस्ता चुना है?"
बता, कब और कितनी बार पछताना है तुझको
तेरा ग़म था, तुझे समझा नहीं जाता कहीं पे
क्या सारी ज़िंदगी इस ग़म को दोहराना है तुझको
तजुर्बा ये भी ले-ले, चल इसे भी जी ले पूरा
सुनाने को मिला एक और अफ़साना है तुझको
[Chorus]
ओ, पिया, ओ, पिया, अफ़साने सुनाता है क्यूँ?
रसिया, रसिया, कहीं और तू जाता है क्यूँ?
ओ, पिया, ओ, पिया, अफ़साने सुनाता है क्यूँ?
रसिया, रसिया, कहीं और तू जाता है क्यूँ?