हैरान हूँ
कि कुछ भी न मांगूं कभी मैं
जो तुम मेरे हो
ऐसा हो क्यों?
कि लगता है हासिल सभी है
जो तुम मेरे हो
जो तुम मेरे हो
तो मैं कुछ नहीं मांगूं दुनिया से
और तुम हो ही नहीं
तो मैं जीना नहीं चाहूं दुनिया में
और नजरों में मेरे
एक जहान है जहाँ तुम और मैं अब साथ हैं
और वहाँ कोई नहीं
तुम और मैं हैं
हाय
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